*क्यों होता है संतान प्राप्ति में विलंब* *संतति सुख के लिए...
*क्यों होता है संतान प्राप्ति में विलंब*
*संतति सुख के लिए पंचम स्थान, पंचमेश, पंचम स्थान पर शुभाशुभ प्रभाव व बृहस्पति का विचार मुख्यत: किया जाता है, ज्योतिष के अनुसार मेष, मिथुन, सिंह, कन्या ये राशियाँ अल्प प्रसव राशियाँ हैं। वृषभ, कर्क, वृश्चिक, धनु, मीन ये बहुप्रसव राशियाँ हैं।*
*१.-पंचम स्थान में पाप ग्रह हो तो संतति सुख में बाधा आती है।*
*२.-पंचमेश यदि 6, 8,12 में हो या 6, 8,12 के स्वामी पंचम में हो तो संतान सुख बाधित होता है।*
*३.-पंचमेश अशुभ नक्षत्र में हो तो संतान प्राप्ति में विलंब होता है।*
*४.-पंचम का राहु पहली संतान के लिए अशुभ होता है!*
*५.-लग्न पर पाप प्रभाव हो तो संतति विलंब से होती है!*
*६.-स्त्री की कुंडली में लग्न पंचम, सप्तम, भाग्य या लाभ में शनि हो तो संतान देर से होती है।*
*७.-सूर्य-शनि युति संतान प्राप्ति में विलंब और संतान से मतभेद दिखाती है।*
*८.-प्रथम या सप्तम का मंगल (स्त्री के लिए) कष्ट से संतान प्राप्ति का सूचक है।*
*९.-पत्रिका (कुंडली) में गुरु राहु युति हो व पंचम स्थान पाप प्रभाव में हो तो दत्तक संतान का योग बनता है.*
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Astrologer Rupesh Chaubey
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